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झारखण्ड में कोरोना का बेकाबू होना और बढ़ता तांडव देखकर रौंगटे खड़े हो रहे हैं और इस भयावह स्थिति को देखकर लोग त्राह - त्राह कर रहे हैं | रांची में 1 अप्रैल से 10 अप्रैल तक कोरोना से मरने वालो का आकंडा 36 है , जो जिला प्रशासन ने दिया है और झारखण्ड की बात करे तो यह आंकड़ा 100 से पार की है |
11 अप्रैल को 13 कोरोना शव को शमशान मुक्तिधाम में एम्बुलेंस की सहायता से लाया गया | मगर गैस क्रीमोटोरियम में खराबी आ जाने से दोनों गैस मशीन काम नहीं कर रहा था | ऐसे में शवों के अंतिम संस्कार में परिजन को 40 घंटा इंतजार करना पड़ा | परिजन दर्द सहते - सहते आक्रोश व तैश में भी आ गए |
परिजनों का कहना था कि :- तीन - चार दिन तक मशीन नहीं बनेगा तो हम सब क्या यहीं खड़े रहेंगे ! यह लावारिस लाश है क्या ? देखा जाये तो एक तरफ परिजनों का खोना , दूसरी तरफ भूखे - प्यासे 40 घंटे तक भीषण गर्मी में शमशान में अंतिम संस्कार के लिए इंतजार करना , कितना क्लेश भरा वो पल गुजरा होगा | वहीं इससे भी ज्यादा दिल को छलनी कर देनेवाला दर्द तब सामने नजर आया जब एम्बुलेंस के ड्राईवर को 40 घंटे तक गर्मी में PPE कीट पहनकर इंतजार करना पड़ा |
इस मुसीबत को देखते हुए हाई कोर्ट ने भी कड़ी टिप्पनी की है :- मौजूदा हालात हेल्थ इमरजेंसी जैसी है , तो इसे मजाक में नहीं लेना चाहिए |
खैर ... सुबह के चार बजे तक घाघरा में शवों का अंतिम संस्कार किया गया |
रांची के DC छवि रंजन ने दुःख जाहिर करते हुए कहा कि :- 10 तारीख तक की स्थिति ठीक थी | तब बड़ी हीं आसानी से दाह संस्कार किया जा रहा था | मुक्तिधाम के दोनों गैस चेंबर काम कर रहे थे , कल से ये खराब हो गया | अब इस मशीन के टेक्नीशियन के आने और रिपेयर होने में थोडा समय लगता है | ऐसे में पैनिक क्रिएट करने का तरीका है वो सही नहीं है | मै सभी लोगों को बोलूँगा की वे संयम बरते | जिला प्रशासन व नगर निगम दोनों के सहयोग से हमने प्रयास किये , कर रहे हैं |
सभी शवों का दाह संस्कार जिला प्रशासन व नगर निगम ने मिलकर , रात से सुबह चार बजे तक कराया | मुक्तिधाम के चेम्बर्स ठीक नहीं है , तब तक घाघरा घाट में हमलोग दाह संस्कार करेंगे | मै सभी लोगों से कहूँगा कि किसी के परिवार में डेथ होता है , तो वह चाहता है कि सबसे पहले उसके परिजन के शव को हीं आगे बढ़ाया जाए और इसी में ये लोग पैनिक क्रिएट कर देते है |
रांची वासियों के सभी परिवार को मै आश्वस्त करना चाहूँगा कि सभी का दाह संस्कार जिला प्रशासन करेगा , अगर ! उनके घर से चार व्यक्ति नहीं मिलेंगे तो जिला प्रशासन उन्हें चार व्यक्ति देने के लिए हमेशा तैयार है | परन्तु लोग संयम बरते , पैनिक क्रिएट न करें | जिला प्रशासन पुरी तरह् से मृतक के परिजनों के साथ 24 घंटे तैयार है |
रांची में मृतकों का आंकड़ा काफी बढ़ चूका है , हालात दिन व दिन बेकाबू हीं होता जा रहा है | ऐसे में मशीन का अचानक खराब हो जाना और लगातार कोरोना से हो रही मृत्यु से हॉस्पिटल में दाखिला हेतु भी लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है | मरीजों की संख्या इंतनी बढ़ती जा रही है कि उन्हें लाइन में लगाना पर रहा है और वहीं हालात शमशान घाट का भी है | वहां भी शव को लेकर लाइन में खड़े होना , ये अलग इंतजार है |
जहाँ तक हो सके हालात को देखते हुए प्रशासन व सरकार का सहयोग व सहायता करे | मृतक के परिजनआक्रोशित न हों , हालात को देखते हुए स्वयं उस जगह रह कर सोचेंगे तो समझ में आएगा की कहीं न कहीं प्रशासन और सरकार दोनों मजबूर है | नगर निगम और प्रशासन दोनों जनता की सुविधा और सहयोग के लिए तत्पर रहती है | ऐसे में उनपर दोषारोपण करना व आक्रोशित होना उचित नहीं | .... ( न्यूज़ :- भव्याश्री डेस्क )
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