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आज दिल्ली एयरपोर्ट पर असम पुलिस ने पवन खेड़ा को गिरफ्तार कर लिया | वे पार्टी के 75 वें अधिवेशन में शामिल होने के लिए रायपुर जा रहे थे | पवन खेड़ा कांग्रेस के प्रवक्ता है |
इनकी गिरफ्तारी के खिलाफ कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंधवी सुप्रीमकोर्ट पहुंचे |
CJIDY चंद्रचूर की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने 30 मिनट की सुनवाई के बाद उन्हें मंगलवार तक अंतरिम जमानत दे दी | अब पुलिस उन्हें अरेस्ट नहीं कर पाएगी | सुप्रीमकोर्ट ने उन्हें नियमित जमानत के लिए आदेश दिया और कहा कि - तीनो केस को एक में कल्ब कर दें | इनके खिलाफ असम , उत्तरप्रदेश के लखनऊ व बरनासी में केस दर्ज है | इस केस की सुनवाई 27 फ़रवरी को होगी |
पवन खेड़ा की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा है कि - पवन खेड़ा पर यह करवाई किस धारा के तहत लगाईं गई है ? वे आम आदमी की तरह उड़ान क्यूँ नहीं भर सकते ? भाजपा हमारी अधिवेशन से बौखला गई है |
कांग्रेस नेतागण ने कहा - जब तक पवन खेड़ा नहीं आते हम फ्लाइट को उड़ान नहीं भरने देंगे |
पवन खेड़ा ने कहा कि दिल्ली पुलिस के अफसर फ्लैट में मेरे पास आकर कहा - आपका सामान चेक करना है | मैंने उनसे कहा - मेरे पास कोई सामान नहीं | यह सुनने के बाद उन्होंने कहा - DCP साहब आपसे बात करेंगे |
असम पुलिस ने पवन खेड़ा की अरेस्ट वारंट की जानकारी देते हुए उनके उड़ान पर रोक लगा दी है | उनके उतरते हीं अन्य कांग्रेस के नेतागण भी नीचे उतर आयें और प्लेन के सामने हीं धरने पर बैठ गए | ये नेतागण केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की |
लगभग 1:45 बजे पवन खेड़ा की गिरफ्तारी हुई जबकि वे 11:30 बजे हीं फ्लाइट में बैठे थे और उन्हें रायपुर के अधिवेशन में शामिल होना था |
इनकी गिरफ्तारी का थोड़ा हम विस्तार कर दे तो -
जानकारी के आधार पर - बीते 20 फ़रवरी को हिडेनबर्ग रिपोर्ट पर उन्होंने कहा था कि - जब अटल बिहारी बाजपेयी JPC बना सकते हैं तो नरेन्द्र गौतम दास मोदी को क्या समस्या हैं ? उन्होंने नरेन्द्र दामोदार दास मोदी की जगह गौतम दास मोदी संबोधित किया था |
ब्यान के बाद उन्होंने पास खड़े व्यक्ति से पूछा - गौतम दास है या दामोदार दास ? और दोनों हंसने लगे |
अब सवाल यह है कि - भला यह कैसे हो सकता है ? और अगर देश के किसी भी व्यक्ति को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का पूरा नाम पता नहीं हो तो वे सिर्फ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बोल सकते हैं परन्तु किसी भी व्यक्ति के नाम के साथ उनके पिता की जगह दूसरे के नाम को अंकित कर देना या बोल देना यह आम आदमी भी बर्दाश्त नहीं कर सकता और यहाँ तो सवाल है प्रधानमंत्री जी का |
ऐसे में दो बाते हम अस्पष्ट कर दें - पक्ष की मुंह से कुछ भी निकल जाए तो लोगो का ध्यान नहीं जाता | वहीं विपक्ष वालो की जुबान से कुछ फिसल जाए तो बात में बवंडर का होना स्वाभाविक है |
दूसरी बात - अभी अडानी और हिडेनबर्ग की बातें देश हीं नहीं दुनियां तक में रौशनी के बीच फैला है | ऐसा में सभी जानते हैं - अडानी जी का पूरा नाम गौतम अडानी है | ऐसे में आखिरकार गौतम शब्द फिसल जाना बहुत बड़ी बात है खैर .......... ! अब देखना यह होगा आने वाले 27 फ़रवरी को कोर्ट की सुनवाई पर यह जाल से उबरते हैं या फिर .......... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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