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बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता मनोज कुमार जिन्हें लोग भारत कुमार के नाम से जानते हैं , एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्म देनेवाले एक ख़ास कलाकार का आज निधन हो गया , वे 87 वर्ष के थे |
1956 में वे दिल्ली से मुंबई आये थे | 20 वर्ष की उम्र से फिल्म में तहलका मचाया | आज की पीढ़ी को भले हीं इनकी अदाओं का पता नहीं मगर यह गाना जो फिल्म क्रांति से है "जिंदगी की न टूटे लड़ी प्यार कर ले घड़ी दो घड़ी" का दृश्य सामने आते हीं मनोज कुमार का चेहरा याद आ जाता है |
पानी रे पानी तेरा रंग कैसा जिसमे मिला दो लागे उस जैसा , यह गाना सच्चाई का एहसास कराता है |
कोई जब तुम्हारा ह्रदय तोड़ दे , तड़पता हुआ जब कोई छोड़ दे तब तुम मेरे पास आना प्रिय ये सभी गीत सुपरहिट है |
फिल्म - पूरब पश्चिम , रोटी कपड़ा और मकान , शोर , क्रांति , शहीद , सन्यासी , बईमान , हिमालय की गोद में , पत्थर के सनम , हरियाली और रास्ता आदि फिल्मे एक से बढ़कर एक धूम मचानेवाली थी |
फिल्म शोर का यह गीत "एक प्यार का नगमा है मौजो की रवानी है , जिंदगी और कुछ भी नहीं तेरी मेरी कहानी है" आज भी लोगो का सिर्फ दिल हीं नहीं मन को भी छू लेता है और उन्हें भावविहल कर जाता है |
इनकी सुन्दरता और आदाओं ने तो दर्शको को घायल हीं कर दिया था | धूम मचती रही एक एक डायलॉग पर | अधिकांशतः फिल्मो में तो इन्होने हिरोइन को छुआ तक नहीं और फिल्मे सुपरहिट हुई | आज की तारीख में लोग हिरोइन को कम कपड़े पहनाकर और अश्लीलता भरा पोज व जिश्मो को छूकर फिल्म को हीट करवाने की कोशिश करते है मगर मनोज कुमार एक ऐसे अभिनेता थे जो दर्शको के मन को छूकर अपने नाम के आगे भारत कुमार के नाम का मोहर लगवा दिया |
ऐसे हीरो को श्रद्धांजलि | इनकी मौत की खबर ने आज दुनियां में कितने लोगो को रुला दिया होगा जिसमे एक हम भी है | इनकी हर अदा सर चढ़कर बोलता रहा |
फिल्म उपकार देशभक्ति पर आधारित फिल्म थी जिसका निर्देशन मनोज कुमार ने किया था | यह फिल्म राष्ट्र प्रेम के लिए समर्पित था | मनोज कुमार ने यह फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री जी के कहने पर बनाई | जय जवान - जय किसान नारे पर आधारित दिल को छू लेनेवाली यह फिल्म सुपरहिट रही |
मनोज कुमार का असल नाम हरिकृष्ण गोस्वामी था | इनका जन्म 24 जुलाई 1937 में खैबर पख्तूनख्वा में हुआ था | विभाजन के बाद परिवार दिल्ली में रहने लगे | हिन्दू कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद एक्टिंग की तरफ रुख किया |
काफी समय से लिबर सिरोसिस से जूझ रहे थे | 21 फ़रवरी को उन्हें कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था |
इनके बेटे कुणाल गोस्वामी ने मीडिया को बताया कि पापा को अंतिम समय में कोई कष्ट नहीं हुआ , यह भगवान की कृपा है | पापा ने दुनियां को शांतिपूर्वक अलविदा कहा | कल उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा |
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मनोज कुमार के निधन पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए एक्स पर अपने भाव लिखे |
इन्हें दादासाहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया गया वहीं पद्मश्री पुरस्कार से भी नवाजा गया | इसके साथ कई पुरस्कार उनके दामन में आकर स्वयं को गौरवान्वित महसूस किया होगा , क्यूंकि यह सम्मान उन्हें उनके राष्ट्रप्रेम के लिए समर्पित था |
.................. इस रिक्त स्थान की पूर्ति असम्भव है | .......... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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