Breaking News
देश के कई राज्य में स्कूल खुल गए हैं और विद्यार्थियों का स्वागत किया जा रहा है | कई जगह तो फूल बरसाकर भी विद्यार्थियों का स्वागत किया गया है | गुजरात , हिमाचल प्रदेश , मध्यप्रदेश , पंजाब आदि राज्यों में 26 जुलाई से 11 और 12 वीं की कक्षाओं को खोला गया | अब बच्चों को कोरोना गाइडलाइन्स के साथ पढ़ाई करनी होगी |
5 अगस्त के बाद से 9 वीं और 10 वीं की कक्षाएं भी खुलने के असार नजर आ रहे हैं | गुजरात में 50% बच्चें क्लासरूम में पढ़ाई करते दिखाई दिए | यहाँ 9 वीं , 10 वीं और 11 वीं की कक्षाएं खुलने की शुरुआत हुई | बच्चों को क्लास में आने से पूर्व उनके अभिभावक का सहमति पत्र जमा करना अनिवार्य किया गया है | मेन गेट से अन्दर आते हीं बच्चों का टेम्प्रेचर लिया जा रहा है और तब अन्दर प्रवेश करने की स्वीकृति मिलती है |
पढ़ाई की प्रक्रिया में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों में काफी फर्क होता है | ऐसे बच्चें ऑनलाइन पढ़ाई करके थक चुके थे | बच्चे स्कूल में काफी उत्साहित दिखे | सारे बच्चों को अपने घर से टिफिन और पानी की बोतल लाने के लिए कहा गया है , ताकि वो एक - दूसरे का पानी न पीयें | स्कूल से लंचब्रेक भी हटा दिया गया है | अब बच्चें अपने बेंच पर हीं लंच खा सकेंगे | लंचब्रेक होने से बच्चें अपना लंच एक - दूसरे में शेयर करना शुरू कर देते थे , जिससे भीड़ बढ़ना और सोशल डिस्टेंस न होने से परेशानी का सामना करना पड़ता था | लेकिन तब की बात कुछ और थी , जब बच्चें पूरी तरह स्वतंत्र होकर अपनी पढ़ाई कर लंचब्रेक में खेला भी करते थे |
लेकिन अब सरकार की गाइडलाइन्स के अनुसार इनकी स्वतंत्रा पर अंकुश लगाना जरुरी है | इनदिनों स्कूल में एक बात सार्वजनिक रूप से रखा गया कि - जिन बच्चों को स्कूल में पढ़ाई करना हो या जिनके अभिभावक को स्कूल में रूचि हो , तो ऐसे बच्चे स्कूल में पढ़े | बाकी बच्चें घर में ऑनलाइन पढ़ाई का लाभ उठा सकते है , स्कूल इसके लिए बाध्य नहीं करेगी और इसीलिए बच्चों को स्कूल में आन अनिवार्य नहीं किया गया है |
यहीं हाल रहा मध्यप्रदेश के बच्चों का भी | मध्यप्रदेश में भी स्कूल के मेन गेट पर ऐसा हीं नियम लागू था | लेकिन यहाँ कुछ हटके भी बच्चों के लिए किया गया | क्यूंकि यहाँ शिक्षक भी बेताब और विद्यार्थी भी बेक़रार , ऐसे में स्कूल प्रांगण में दोनों का सामना हुआ | क्योंकि दोनों एक - दूसरे के बिना अधूरे थे | स्कूल के खुले रहने पर पाबन्दी लगी | पाबंदियों के समाप्त होने से शिक्षक व बच्चें दोनों के चहरे पर गजब का उत्साह व आनंद देखा गया | साथ हीं पारंपरिक मंत्रोचारण के साथ स्वागत किया गया | शिक्षकों ने बच्चों को मास्क व सैनिटाईजर उपहार में देते हुए उनपर फूल भी बरसायें |
बच्चों को क्लासरूम में बैठने से सुना पड़ा कमरा फिर से गुलजार हो गया | ठीक उसी तरह जैसे कि आसमान में चाँद - सितारें न दिखें तो आसमान सुना दिखता है | वैसे हीं क्लासरूम में टीचर व स्टूडेंट दिखाई न दे तो वह अधूरा सा लगता है | बच्चों को सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखते हुए बिठाया गया | काफी दिनों के बाद शिक्षक पढ़ाते हुए दिखे और वातावरण आनंदित लगा |
तत्काल स्कूल में प्रार्थना सभा और स्विमिंग पूल , खेलने का कॉमन रूम आदि सामूहिक गतिविधियों पर प्रतिबन्ध रखी गई है , ताकि बच्चों का भीड़ इकठ्ठा न हो और वे सुरक्षित रहकर पढ़ाई कर सके | ऐसे हीं बाकी प्रदेशों में भी नियम लागू किये गए | लेकिन हर प्रदेश में स्कूल के बच्चें प्रफुलित दिखाई पड़े और उत्साहित होकर अपने टीचर का स्वागत किया , वहीं टीचर ने बच्चों का |
स्कूल का खुलना बच्चों के लिए ठीक वैसा हीं अनुभव रहा , जैसे बागों में बहार का आना , नए कलियों का खिल जाना , तितलियों का मंडराना और माली द्वारा सजाये गए गतिविधियाँ | क्यूंकि शिक्षक को माली कहा जा सकता है | स्कूल की सारी गतिविधियाँ , स्कूल प्रशासन और शिक्षक पर निर्भर है | बच्चें तो फूल के समान है , इन्हें जैसे भी सजोकर रखे / निखारकर रखे , यह तो हर जगह अपनी सुन्दरता बिखेरेगी | क्यूंकि बच्चें देश के भविष्य होते है और बच्चों पर हीं आने वला कल निर्भर है | इस देश की पूरी जिम्मेदारी बच्चों को हीं उठाना है | इसलिए बच्चों को जिम्मेदार व शिक्षित बनाना निहायत जरुरी है | .......... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
नोट :- अगर आप अपनी किसी भी रचना ( न्यूज़ / कहानी / कविता / फीचर / आदि ) को इस वेबसाइट पर प्रकाशित करना चाहते है , तो इस ईमेल पर संपर्क करे :- rupesh0199@gmail.com
अन्य न्यूज़ भी पढ़ने के लिए इस टाइटल पर क्लिक करें :-
मीराबाई चानू ने इतिहास रचकर भारत को गौरवान्वित किया और बन गई "गॉड ऑफ़ ओनर" | अब पिज्जा फ्री में |
बाथरूम में नहा रही महिला का , विडियो बनाते पकड़े गए शख्स को जेल भेजा गया |
रिपोर्टर