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आज महंत नरेन्द्र गिरी को भू समाधी दी जायेगी , पंचतत्व में आज वे विलीन हो जायेंगे |
इनकी संदिग्ध हालत में मौत का जिम्मेदार आखिर कौन है ? जहाँ प्रयागराज में कमरे में फंदे से लटका मिला था इनका शव | नरेन्द्र गिरी अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष थे , साथ हीं लेटे हनुमान मंदिर में भी इनकी गद्दी थी |
आज सुबह से उनका पोस्टमार्टम चल रहा है | पोस्टमार्टम के लिए दो फौर्मेसिस्ट , दो विडियो ग्राफर , पांच डॉक्टर का एक पैनल तैयार किया गया | इसके साथ हीं तीन CMO भी मौजूद रहेंगे | यह पोस्टमार्टम स्वरुप रानी अस्पताल प्रयागराज में की जा रही है | इधर उनकी विदाई के लिए तैयारी की जा रही है | 12 बजे उनकी इच्छानुसार समाधी दी जायेगी | यह समाधी बाघंबरी मठ के बगीचे में होगी |
पोस्टमार्टम के बाद जब उनका शरीर वापस आएगा , तो स्नान के लिए संगम ले जाना है | इसलिए संगम पर तैयारियां की जा रही है | सबसे पहले महंत नरेन्द्र गिरी को संगम स्नान कराया जाएगा | फिर उन्हें लेटे हनुमान मंदिर में ले जाया जाएगा , वहां भी उनकी गद्दी थी | फिर पार्थिव शरीर को बाघंबरी मठ में लाया जाएगा | यहाँ पर उनकी बहुत सारी विधि - विधान पूरी करने के बाद उन्हें भू समाधी दी जायेगी | यह भू समाधी बाघंबरी मठ के बगीचे में होगी |
आज उनकी अतृप्त आत्मा शरीर से बाहर निकलकर एक अन्य शरीर को धारण करने की राह ढूढ़ने का प्रयास करेगी | ऐसा माना जाता है कि - जबतक शरीर पृथ्वी पर पड़ा हो , तबतक आत्मा शरीर के इर्दगिर्द हीं घूमता रहता है | अपने शरीर का हाल बेहाल होते देख आत्मा भी तड़प उठती है | ठीक उस तरह जिस तरह कोई इंसान अपने घर से बेघर कर दिया जाता है , तो उसमे आक्रोश की कमी नहीं होती , ठीक वैसे हीं शरीर भी आत्मा का घर होता है |
आज नरेन्द्र गिरी की आत्मा अपने नए घर को पाने के लिए बेचैन होगी | ऐसा माना जाता है कि , जो हिन्दू धर्म ग्रन्थ में लिखा है कि - आत्मा धर्म रित के अनुसार अपने शरीर को जलते हुए देखती है | परन्तु नरेन्द्र गिरी एक संत थे , तो इनको जमीन में समाधी दी जायेगी , तो वहां भी इनकी आत्मा शरीर को बंद होते मिट्टी के अन्दर देखेगी |
नरेन्द्र गिरी के अनुसार इनकी मौत का जिम्मेदार आनंद गिरी के साथ दो व्यक्ति का नाम दर्ज किया गया है | जो 13 पन्नों का सुसाईड नोट पुलिस को मिली है , इस पन्ने में उनकी मृत्यु की सभी बातें दर्ज की गई है | फिलहाल आनंद गिरी का आज कोर्ट में पेशी होना है | इससे पहले हीं इलाहबाद हाई कोर्ट में उनके वकील प्रभाशंकर मिश्रा पहुँच चुके है और अपना सार्वजनिक तर्क मीडिया को दे रहे हैं कि - 12 / 13 पन्नें का सुसाईड नोट भी कोई लिखता है !
खैर ........ आज इन सभी बातों को कोर्ट के सामने रखा जाएगा | जिसमे नरेन्द्र गिरी के यहाँ से प्राप्त सभी साक्ष्य - सबूत पेश होना बाकी है | कौन सा तर्क - वितर्क भारी पड़ेगा ? तराजू के दो पलड़े में रखी गई है , नरेन्द्र गिरी की बातें , जिसमे एक पलड़ा आनंद गिरी का है | अब देखना है कि - आनंद गिरी की बातें , उनका बचाव उन्हें कितना राहत देते हुए पलड़े को झुका पायेगा ! यह आने वाले कल में नजर आएगा , जिसपर देश की नजरे टिकी है |
नोट :- फिलहाल नरेन्द्र गिरी की जगह महंत के रूप में बलवीर गिरी को बिठाया गया है | बाद में 16 दिन की औपचारिक कार्य पूरे किये जायेंगे | ...... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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