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26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक 20 साल की विवाहिता का किडनैप कर 3 लोगो ने जघन्य अपराध को अंजाम देकर एक बार फिर अपनी मर्दानगी को शर्मसार कर इंसान के नाम पर स्वयं को जानवर करार दिया |
कहा जाता है - दोस्ती और दुश्मनी दोनों बराबर वालो के साथ शोभा देती है | इंसान कितना भी मजबूत क्यूँ न हो सामने वाला अगर एक समूह में मौजूद हो जाए तो किसी का भी पसीना छुट जाएगा |
26 जनवरी एक महिला से बदला लेने के लिए उसका अपरहण किया गया , उसके बाद 3 लोगो ने गैंगरेप को अंजाम दिया | उसके बाद महिला की टोली उस पीड़िता के बाल को काटकर उसकी मुंह में कालिख पोती और चप्पल - जूत्ते का माला पहनाकर सड़को पर सरेआम पिटते हुए उसे घुमाया | जो दृश्य CCTV फूटेज में साफ़ दिखाई पड़ रह है और कितनो ने अपने मोबाइल के कैमरे में भी इस दृश्य को कैद कर लिया |
महिला समूह ने एक महिला पर इतना अत्याचार कर स्वयं के महिला होने पर सवाल खड़ा कर दिया | महिला समूह एक निहत्थी महिला पर जानवर बनकर कूद पड़ी | काश ! महिला को न्याय दिलाने के लिए उन दरिंदो के साथ ऐसा करती तो उन महिला टोली की वाह वाही होती | मगर मायामोह में महिलायें अपनी न्याय व आशीर्वाद देने वाली अंजूरी को मुठ्ठी में बदलकर आँखों में पट्टी बांध लिया था | जब - जब ऐसा होता है तब तब महिलायें शर्मसार होती है |
कस्तूरबा नगर में अवैध शराब बेचने वालो ने महिला के शरीर पर अमानवीय घाव बना डाले जो देखने को मिला | उन्होंने कहा कि - शराब बेचने वालो ने महिला का अपरहण कर उसके साथ गैंगरेप किया है | इस घटना का थोड़ा हम विस्तार कर दे तो - हमें कुछ महीने पीछे मुड़ना होगा |
शाहदरा में नवम्बर 2021 में एक लड़के ने सुसाइड कर लिया था | इसके बाद उसके परिवार वालो का कहना था कि - इस लड़की की वजह से हीं उनके लड़के ने सुसाइड किया | माना जाता है कि वे दोनों अच्छे दोस्त थे | मगर इन दोनों की दोस्ती टूटने का कारण पता नहीं चला |
वहीं अब महिला की बहन का कहना है कि - मेरी बहन शादीशुदा है और उन्हें एक बच्चा भी है | लड़के के सुसाइड करने के बाद वह अपने पति के साथ किराए के मकान में रह रही है | मृत लड़के के चाचा ने मेरी बहन का किडनैप किया और उसके साथ दरिंदगी की |
पुलिस की पड़ताल ने इस घटना को निजी दुश्मनी को अंजाम देना करार दिया है |सूचना के आधार पर एक पुलिस अधिकारी ने कहा है कि - शाहदरा में हुई यह दुर्घटना दुर्भाग्यपूर्ण है | अबतक इस घटना में 9 लोगो को गिरफ्तार किया गया है , जिसमे 7 महिलाए शामिल है | CCTV फूटेज के आधार पर 15 लोगो की पहचान की गई है |
महिला का अपरहण कस्तूरबा नगर में उसके मायके के घर के पास रहने वाले मृत लड़के के परिवार ने किया था |
महिला की सुरक्षा और न्याय के लिए महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इस घटना का विडियो शेयर किया और दिल्ली पुलिस को एक नोटिस भी जारी की थी , जिसमे महिला व उनके परिवार को सुरक्षा देने की बात निहित थी |
स्वाति मालीवाल उस पीड़ित महिला से मिली और उनके शरीर पर अमानवीय जख्म को देखकर दर्द से भर उठी | पीड़िता ने स्वाति मालीवाल को बताया कि किस तरह 3 लोगो ने उनके साथ इस अपराध को अंजाम दिया |
यह लिखते हुए मुझे बड़ा शर्म महसूस हो रहा है - स्वाति मालीवाल को पीड़िता ने यहाँ तक कहा - जिस वक्त उनके साथ दरिंदगी हो रही थी , उस वक्त महिलायें मौजूद थी और पुरुषों को उकसा रही थी |
विडियो में स्पष्ट दिखाई पड़ रहा है कि - महिलाओं की अच्छी खासी भीड़ ने पीड़िता महिला को घेर रखा है और कुछ महिलायें उसके साथ मारपीट कर रही है | यह दर्द भरा दृश्य और दास्ताँ देख , सुनकर किसी के भी रौंगटे खड़े हो जायेंगे | माना गया है - अपराध करने वाला उतना हीं दोषी है जितना की अपराध को प्रोत्साहित करने वाला | आखिरकार क्या कारण था कि - महिलाओं की टोली एक निहत्थी महिला का बचाव नहीं कर सकी |
ऐसी महिला को दुनियां के पटल पर क्या नाम दिया जाए ? समझ से पड़े है | मगर वहीं इस महिलाओं की ख़ामोशी और बुजदिली देखकर बहुत सारी महिलायें व पुरुष आक्रोशित और शर्मसार हुए | यह सोंचकर कि - इंसानियत क्या इतना नीचे तक गिर सकता है भला !
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल , पूर्व दिल्ली के संसद गौतम गंभीर व DCW ने इस घटना की कड़ी निंदा की है | मुख्यमंत्री ने कहा - अपराधियों में इतना साहस कैसे आया ? मै केन्द्रीय गृहमंत्री और उप राज्यपाल से पुलिस को सख्त करवाई करने और कानून व्यवस्था की स्थिति पर ध्यान देने का निर्देश देने का अनुरोध करता हूँ | दिल्ली वाले इस तरह के जघन्य अपराध को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे |
दंड देने वाली शातिर महिला समूह और ऐसी हीं मुठ्ठीभर महिलाओं के लिए देश की तरफ से एक सन्देश - आपने अपने बच्चो में आरंभिक दौर से शालीनता और विवेक नहीं भरा | आपके बच्चे ने किस कारण ख़ुदकुशी की ? इसका श्रेय किसी और पर मढ़कर आप निर्दोष नहीं बन सकते | स्वयं में झांकिए और सामने वालो में कमी ढूंढने से बेहतर था स्वयं को पाक करना | वगैर सोंचे - समझे जल्दीबाजी में कदम उठाते हुए कानून को हाथ में लेना आपको कितना भारी पड़ गया | इससे तो अच्छा होता कि - लड़के की ख़ुदकुशी करने का कारण आप पुलिस चौकी में दर्ज करवा दिया होता | पब्लिक की सुरक्षा के लिए पुलिस चौकी बनी है |
अब एक बात - अपनी आजादी को तो ऐसे लोग भूलते हीं जा रहे है | साथ हीं गाँधी जी की कही वो बात - "बुरा मत करो , बुरा मत देखो , बुरा मत सुनो" इसे भी अपराध करने वाले भूलते जा रहे है | जागिये , अपराध करने से बचिए और बचाइये अपने समाज को | मुठ्ठी में कदापि न लीजिये कानून को , बड़ा महंगा पड़ जाएगा | ....... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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