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19 नवम्बर शुक्रवार को पूर्णिमा के ख़ास मौके पर साल का आखिरी चन्द्र ग्रहण दिखने वाला है | परन्तु यह चन्द्र ग्रहण भारत में सिर्फ अरुणाचल प्रदेश के लोग हीं देख पायेंगे |
यह चन्द्र ग्रहण दोपहर 12 बजाकर 48 मिनट पर आरम्भ होकर 4 बजकर 17 मिनट पर समाप्त हो जाएगा | यह योग 59 साल बाद बना है , जब आंशिक चन्द्र ग्रहण और गुरु शनि मकर राशि में ऐसा योग देखा जाएगा |
कार्तिक शुक्ल की पूर्णिमा को यह ग्रहण दिन में लगने वाला है | ग्रहण दिन में लगने के कारण हीं भारत के किसी भी राज्य में यह दिखाई नहीं देगा | सिर्फ अरुणाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र के लोग हीं इसे देख सकेंगे , यहाँ लोग 1 मिनट से कम समय के लिए इस ग्रहण को देख पायेंगे | परन्तु यह ग्रहण 3 घंटे 28 मिनट का है , जो दोपहर से लेकर शाम को समाप्त होगा |
580 साल में यह सबसे लम्बी अवधि में लगाने वाला आंशिक चन्द्र ग्रहण माना जा रहा है | नासा की वेबसाइट ने इस बात का खुलासा किया है | ग्रहण लगाने की बातों को भी कुछ लोग जानना चाहेंगे कि - आखिरकार चन्द्र ग्रहण क्यूँ लगता है ? तो जब पृथ्वी परिक्रमा करते समय सूर्य और चन्द्र के बीच में आ जाती है , तो चन्द्र ग्रहण लग जाता है | ऐसे में सूर्य का नूर चन्द्रमा तक पहुँच नहीं पाता जिससे चाँद दिखाई नहीं पड़ता |
वहीं सूर्य ग्रहण लगने का तथ्य हम आपको बता दे - जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चन्द्रमा आ जाता है , तब सूर्य ग्रहण लगने जैसी बाते सामने आती है | 59 साल पूर्व भी फ़रवरी 1962 में ऐसा हीं चन्द्र ग्रहण लगा था | कल शुक्रवार 19 नवम्बर को भी वृषभ राशि में ग्रहण लग रहा है , तो चन्द्रमा इसी राशि में रहेगा |
कल कार्तिक मास की पूर्णिमा है और गुरुनानक जयंती के साथ देव दीपावली भी , जिसे मत्स्य अवतार भी कहा जाता है | मत्स्य अवतार का विस्तार हम आपको बता दे - तो इसी दिन भगवान विष्णु का अवतार हुआ था और प्राचीन समय के प्रलय के कारण उन्हें पहली बार मत्स्य अवतार लेकर पुरे संसार की रक्षा करने के लिए अवतरित होना पड़ा |
कल चन्द्र ग्रहण के दिन ग्रहण भले हीं दिखाई न पड़े , मगर जानकारी के आधार पर इस समय और तिथि पर ईश्वर की आराधना करनी चाहिए , साथ हीं अन्न / जल ग्रहण न करने के नियम को भी पालना करना जरुरी होता है | उसके बाद अपने घर में गंगाजल का छिड़काव करने की भी मान्यता है | ....... ( अध्यातम फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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