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कर्नाटक में नए मुख्यमंत्री की ताजपोशी की गई | आज राजभवन में 11 बजे राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने इन्हें शपथ ग्रहण कराया जिसके बाद बसवराज बोम्मई ने CM का पद भार संभाला |
सोमवार को विधायक दल के बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वीएस येदियुरप्पा ने अपनी इस्तीफा से पूर्व बसवराज बोम्मई का मुख्यमंत्री पद के नाम का प्रस्ताव रखा था , जिसे सर्व सहमति से पारित करते हुए उन्हें मुख्यमंत्री पदभार देने की सहमति हो गई |
सूचना के आधार पर -केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा है कि - राज्य में डिप्टी CM बनाने का फैसला राष्ट्रीय बैठक के बाद लिया जाएगा | इस बात का विस्तार बसवराज बोम्मई के शपथ ग्रहण के बाद की गई | मुख्यमंत्री शपथ लेने से पूर्व बसवराज बोम्मई कर्नाटक के गृह , कानून , संसदीय कार्य के मंत्री थे | उनके पिता एस आर बोम्मई भी राज्य में मुख्यमंत्री पदभार संभाल चुके हैं |
इन्होने 2008 में भाजपा का दामन पकड़ा था | राजनीति की शुरुआत जनता दल के छाया में हुआ | धारवाड़ से दो बार कर्नाटक विधान परिषद् के लिए चुने गए थे | इस साल वे हावेरी जिले के शिगगांव से विधायक चुनाव में विजयी हुए हैं |
इन्होने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया है | सिंचाई के प्रति इनकी गहरी आस्था रही है | इनकी रूचि में - खेती के प्रति गहरी सोंच व अच्छी खेती उपज एक ख़ास अहमियत रखता है | इस दृष्टि से सिंचाई मामलों में इनका व्यक्तित्व खास माना जाता है | इनके द्वारा राज्य में कई सिंचाई प्रोजेक्ट आरम्भ होने की वजह से , इनकी सराहना भी होती रही है | ये पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के चहेते व उनके शिष्य है , इसलिए येदियुरप्पा ने भाजपा के केन्द्रीय दल को इस महत्वपूर्ण पद के लिए अपने चहेते शिष्य का नाम सुझाया था |
मठाधीशों के साथ हुए बैठक में येदियुरप्पा के इस्तीफे से सभी नाराज चल रहे थे | पांच हजार लिंगायत मठों के प्रमुख मठाधीश शरण बासवलिंगा ने कहा था कि - भाजपा ने येदियुरप्पा को इस पद से हटाने का जो फैसला लिया है , वह गलत है | भाजपा को इसका अंजाम भुगतना पर सकता है | परन्तु येदियुरप्पा ने अपने CM पद के शपथ लेने से पूर्व हीं तय किया था कि - उन्हें 2 साल के बाद , आलाकमान के निर्देश के हिसाब से काम करना होगा | इसलिए शीर्ष नेतृत्व का पैगाम आ जाने से इन्हें पद छोड़ना पड़ गया |
कर्नाटक के मशहूर मंदिर लिंगेश्वर के मठाधीश शरण बासवलिंगा के कथनानुसार - येदियुरप्पा के एक इशारे पर मठ समुदाय के लोग भाजपा के विरोध में उतर जाते | परन्तु येदियुरप्पा के द्वारा हीं अपने शिष्य का नाम सुझाने के बाद समुदाय ने उनके सुझाव को अपनी सहमती मानते हुए , उनके इस निर्णय को स्वीकार कर सरआँखों पर बिठा लिया | येदियुरप्पा लिंगायत समुदाय के है , इसलिए इस समुदाय के लोगों के समक्ष इनकी खास अहमियत है | जिससे इनकी बातों का असर खास अहमियत रखता है | जबकि इनके समुदाय को इनका इस्तीफा देना मंजूर नहीं था , लेकिन इनका निर्णय सर्वोपरी माना गया |
मुख्यमंत्री पद का येदियुरप्पा के इस्तीफे के दौरान सियासत में हलचल जारी था | इस बात को लेकर कि - आगामी मुख्यमंत्री के पद पर कौन सा चेहरा होगा ? इस पद के लिए 3 नाम सबकी नज़रों में छाया था , जिसमे बसवराज बोम्मई के साथ हीं मुर्गेश निरानी और अरविन्द बल्लाड भी शामिल थे | परन्तु येदियुरप्पा ने अपनी पैनी दृष्टि से उचित व्यक्ति को महत्वपूर्ण पद के लिए अपना निर्णय सुना दिया |
कर्नाटक राज्य में 224 विधानसभा सीटें हैं , जिसमे लगभग 100 सीटों पर लिंगायत समूह का असर छाया है | क्यूंकि पूर्व में भ्रष्टाचार के आरोप में भाजपा ने इन्हें निष्कासित कर दिया था | उसके बाद इन्होने "केजपा" दल बना डाला , जिसका परिणाम यह हुआ कि - लिंगायत समूह का सारा वोट केजपा यानि येदियुरप्पा के पक्ष में गिर गया | जिससे भाजपा 110 सीटों से घटकर 40 सीटों पर सिमित हो गई थी | इनको निष्कासित करना भाजपा को काफी भारी पड़ा था | लेकिन फिर भी अपनी सोंच में परिवर्तन करते हुए - इन्होने पुनः 2014 में येदियुरप्पा को अपने दल में वापस लेते हुए सम्मान दिया और मुख्यमंत्री पर ये आसीन भी हुए |
वीएस येदियुरप्पा को अपने CM पद से इस्तीफा देने की बात तो पूर्व से हीं मान्य था और 2 साल के बाद हीं आलाकमान के निर्देश के हिसाब से काम करना होगा - स्वीकार किया था | खैर ..... अब इस कुर्सी पर बसवराज बोम्मई विराजमान हो चुके है और एक नई तरीके से नई सोंच - समझ एक बार फिर इस राज्य को विकास की तरफ ले जाएगा | जैसे कि ये मंत्री रहते हुए राज्य को सिंचाई में एक नया आयाम देते हुए विकास के तरफ बढ़ाया | अब ये उस कुर्सी पर विराजमान है , जहाँ से कर्नाटक की गति प्रगति में बढ़ते हुए सिर्फ राज्य हीं नहीं पुरे देश में रौशनी फैलाने का कार्य करेगा | इसलिए कि एक मुख्यमंत्री के हाथ में इतनी ताकत होती है - कि वह चाह ले तो राज्य को सोने की चिड़ियाँ बनते देर नहीं लगेगी | वहीं दूसरे रूप में राज्य के हर जनता को बेरोजगारी से दूर हटाते हुए - उनकी जिंदगी में एक नई गति भरते हुए प्रतिभा को पटल पर भी लाया जा सकता है | ..... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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