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आज पूर्व आईपीएस आचार्य किशोर कुणाल जी का ह्रदय गति रुक जाने से निधन हो गया , वे 74 साल के थे | सुबह अचानक उनकी तबियत बिगड़ी जिसके बाद उन्हें महावीर वात्सल्य अस्पताल ले जाया गया जहाँ उनकी मृत्यु हो गई और लोगो को खाली हाथ आना पड़ा |
आचार्य कुणाल पटना के मशहूर महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव थे | जिस अस्पताल का निर्माण उन्होंने करवाया था उसी मे अंतिम साँस ली |
धार्मिक प्रवृति के किशोर कुणाल 2001 में सर्विस से वीआरएस लेकर अपना समय समाजसेवा में खर्च कर इतिहास रचा | सेवा के दौर में अयोध्या विवाद पर शान्ति कायम करने का विशेष प्रभार पूर्व प्रधानमंत्री बी पी सिंह ने मुख्य रूप से इन्हें सौंपा था | अयोध्या मंदिर के संस्थापकों में इनका नाम भी अंकित है |
हर बच्चा जन्म के समय रोता है इसपर कबीर दास जी ने लिखा - ऐसी करनी कर चलो हम हँसे जग रोये | आज इनकी मौत की खबर से लाखो लोग रो पड़े और इनकी विदाई में आंसू बहायेंगे |
बिहार की धरती मुजफ्फरपुर के बरुराज में पिता रामचंद्र शाही व माता रूपमती देवी के पुत्र रत्न के रूप में जन्म लेकर इसी गाँव में खेलते हुए बड़े हुए और स्कूल तक की पढ़ाई पूरी की |
उसके बाद मुजफ्फरपुर का एल एस कॉलेज जिस कॉलेज से हमारे प्रथम राष्ट्रपति डॉ० राजेंद्र प्रसाद ने शिक्षा ग्रहण किया और अपनी सेवा भी दी थी , उसी कॉलेज से किशोर कुणाल जी ने भी शिक्षा ग्रहण किया और आगे की पढ़ाई के लिए राजधानी पटना आ गए |
पटना विश्वविद्यालय से इतिहास में स्नातक की डिग्री प्राप्त की साथ हीं संस्कृत का भी ज्ञान बटोरते हुए सिविल सेवा की तैयारी में लग गए |
मेघावी छात्र के रूप में रौशनी बिखेरने वाले किशोर कुणाल जी भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी बनकर अपनी प्रतिभा का झंडा लहरा दिया | उनकी पहली पोस्टिंग गुजरात के आनंद में हुई थी |
किसको मालुम था इतिहास में स्नातक करनेवाले पुत्र एक दिन रत्न बनकर इतिहास लिखेगा | एक के बाद एक इतिहास लिखते चले गए कुणाल जिसका पन्ना सुबह से शाम और रात के बाद फिर सुबह तक पलटते पलटते आदमी आनंद से भर जाएगा |
1983 में पटना के एसएसपी पद पर इनकी नियुक्ति हुई और 2001 में वीआरएस लेने के बाद अध्यात्म की तरफ कदम बढ़ा दिए |
गौर करनेवाली बात है कि जिसने भी संस्कृत पढ़ा उसने इतिहास रचा है क्यूंकि जहाँ संस्कृत का मध्यांतर होता है वहीं से अध्यात्म का आरम्भ | कुणाल जी इस बात से वाकिफ थे |
बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कई महत्वपूर्ण सुधार कार्य किये |
पटना के महावीर मंदिर के माध्यम से महावीर केंसर संस्थान , आरोग्य संस्थान व नेत्रालय , महावीर वात्सल्य अस्पताल जैसे कई धार्मिक कार्य करते हुए बहुत सारे परोपकार किये |
विशेष सेवा के लिए - राष्ट्रपति पुलिस पदक
सामाजिक सेवा में योगदान के लिए - महामहिम राष्ट्रपति प्रतिभा सिंह पाटिल द्वारा भी उन्हें पुरस्कार दिया गया साथ हीं बिहार रत्न के उपाधि से भी वे नवाजे गए और इसके अतिरिक्त कई पुरस्कार मिले |
किशोर कुणाल की धर्म पत्नी अनीता कुणाल ने भी विकास कार्य में अपना बहुत बड़ा योगदान दिया है जिसकी गिनती बहुत दूर तलक जायेगी | समाजसेवा में रूचि रखनेवाली अनीता कुणाल के पिता एक आयुक्त रहे बावजूद उन्होंने बहुत साधारण तरीके से अपने जीवन को एक रूप में ढालकर आम जनता की सेवा में जीवन समर्पित किया |
इस तस्वीर में आप पुत्र सायन कुणाल के हाथ के सहारे ऊपर चढ़ते हुए जिन्हें देख रहे हैं , वह अनीता कुणाल है | लोगो के बीच रौशनी बिखेरनेवाली इस माँ के विषय में सायन लिखते हैं - दुनियां में सबसे बड़ी योद्ध्या माँ होती है खैर ....... !
आचार्य कुणाल किशोर जी को बिहार का नमन | आपके पद चिन्हों पर बच्चे बढ़ते रहेंगे | आपके कार्य की लौ की गति कभी कम न होगी , आपके नाम का दीपक सदैव जलता रहेगा | देश में में रौशनी के लिए आपको बिहार व भारत के तरफ से सैल्यूट | ........... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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