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आर्यन खान को जमानत नहीं मिली , अब उन्हें 20 अक्टूबर तक जेल में हीं रहना होगा |
यह बात जैसे हीं प्रकाश में आया | फिल्ममेकर हंसल मेहता ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाला और लिखा - "मारिजुआना / भांग का सेवन कई देशों में लीगल है और कई में इसे गैर अपराधी बना दिया गया है | हमारे देश में इसका सेवन नशीले पदार्थों पर नियंत्रण के बजाय हरासमेंट के लिए अधिक किया जाता है | इसको ख़त्म करने के लिए धारा 377 की तरह आन्दोलन की आवश्यकता है" |
हंसल मेहता के पोस्ट में बॉलीवुड अभिनेत्री व महेश भट्ट की सुपुत्री पूजा भट्ट ने रिप्लाई में लिखा - "और फिर वे एक और मुद्दा खोज पायेंगे" |
हंसल मेहता शाहरुख़ खान के बेटे आर्यन खान के सपोर्ट में उतर चुके है और उन्होंने मारिजुआना के यूज को अपराध से मुक्त और लीगल करने की बात की है | हंसल मेहता ने यह भी लिखा है कि - माता - पिता के लिए एक बच्चे के साथ परेशानी का सामना कितना दर्दनाक होता है ! तब यह बहुत कष्टदायक हो जाता है , जब लोग कानून को अपना काम करने से पहले निर्णय लेने लगते है | यह माता - पिता के लिए अपमानजनक और बुरा है |
काश ! कि हंसल मेहता अपनी भारतीय संस्कृति के विषय में भी कुछ शब्द लिख पाते , तो पढ़ने वाले को भी बड़ा हीं अच्छा लगता | डूबती हुई संस्कृति के विषय में आन्दोलन निहायत जरुरी है | हंसला मेहता जैसे लोग अगर आगे बढ़ गए , तो सच में अपनी भारतीय संस्कृति को पुनः वापस लाया जा सकता है | परन्तु अभी तो उन्होंने एक बेटे के लिए अपनी मन की बाते सब के सामने रखी है , खैर ...... |
बॉलीवुड के परिवार शाहरुख़ खान के घर मन्नत पहुँच रहे है और उन्हें तसल्ली देने का काम कर रहे है | जिसमे उनके पड़ोसी व मित्र अभिनेता सलमान खान कुछ ज्यादा हीं दुखी और आर्यन को जमानत मिलने हेतु विचलित व परेशान नजर आ रहे है |
सलमान खान के पिता सलीम खान अपने परिवार के साथ शाहरुख़ खान और गौरी खान को तसल्ली देने उनके आवास मन्नत पर पहुंचे और उन्हें मजबूती दी |
इस बीच सूचना मिली है कि - गौरी खान ने नवरात्रा के अवसर पर मन्नतें रखी है कि - जबतक उनके सुपुत्र जेल से छूटकर बाहर नहीं आ जाते , वो चीनी और मिठाई का सेवन नहीं करेंगी |यह समय मन्नत परिवार / सदस्यों के लिए एक परीक्षा से कम नहीं , जिसमे कब पास होना और फेल होना निर्धारित है कुछ कहा नहीं जा सकता ! ऐसा इसलिए कि - जिस वक्त आर्यन की गिरफ्तारी हुई थी , किसी को ऐसा नहीं लग रहा था कि उन्हें जमानत मिलने में इतना वक्त लग जाएगा |
अब NCB और आर्यन के बीच लम्बी क़ानूनी लड़ाई बढ़ता हुआ देखकर , मन्नत परिवार क़ानूनी विशेषज्ञों और अपने दोस्तों के साथ मशविरा कर रहे है | इनकी चाहत सिर्फ इतना कि - किसी तरह आर्यन को जमानत मिल जाए और वे अपने घर वापस आ जाये |इसके आलावा शाहरुख़ खान और गौरी खान अभी कुछ भी ज्यादा नहीं सोंच रहे ! इनकी सांसे बेटे के कष्ट पर अटकी पड़ी हुई है , इसे शब्दों के द्वारा व्यक्त नहीं किया जा सकता | यहाँ सिर्फ महसूस करने का हालात बना हुआ है !
गुरुवार को जब आर्यन की याचिका पर सुनवाई हुई , तो सुनवाई के बाद अगली तारीख 20 अक्टूबर निर्धारित किया गया | इस बात से समझा जा सकता है कि - आर्यन खान की जमानत याचिका पर अब 20 अक्टूबर को हीं सुनवाई होगी | तब तक उन्हें जेल में हीं रहना पड़ेगा | नाजों में पले और लाड़ - प्यार के बीच बड़े हुए आर्यन खान की स्थिति जेल में बहुत हीं नाजुक बनी हुई है , जिसकी तड़प का दस्तक शाहरुख़ खान और गौरी खान के जिगर पर पड़ता मालूम हो रहा है |
शाहरुख़ खान और गौरी खान ने अपने सेलेब्रिटी दोस्तों को बार बार मन्नत न आने के लिए कहा है | अभी ये दोनों अपने मन को शांत रखना चाह रहे हैं , जिस मन में सिर्फ उनके बेटे की जमानत अटकी पड़ी हुई है |
आर्यन खान 2 अक्टूबर को गिरफ्तार हुए थे | मुंबई से गोवा जा रही क्रूज शिप पर ये सभी आधी रात को रेव पार्टी मना रहे थे | पूर्व निर्धारित सूचना के आधार पर NCB टीम भी सादे वर्दी में क्रूज पर सवार हो गई थी और इन सबको रंगे हाथ पकड़ लिया | इस केस में अभी तक 20 से ज्यादा लोग गिरफ्तार हो चुके है , जिसमे एक नाम अरबाज मर्चेंट का भी है |
सबसे बड़ी बात और साक्ष्य NCB के सामने यह आया कि , आर्यन खान ने इस बात को स्वीकार किया है कि - वे चरस लेते है और पार्टी के दौरान भी चरस लेने की बात को स्वीकार किया | क्रूज पर अरबाज मर्चेंट के पास से नशीली पदार्थ भी बरामद किया गया | NCB इस केस को कहाँ तक ले जायेगी , अभी कहना बहुत हीं मुश्किल है |
शाहरुख़ खान के फैन्स की भी सांसे इस बात पर अटकी पड़ी है कि - आर्यन को जमानत कब मिलेगा ? परन्तु अब सोंचने का विषय है कि - NCB के हाथ में है आर्यन का केस | अपने तर्क पर वे कहाँ तक इस याचिका को जमानत न मिलने पर रोक पायेंगे , 20 अक्टूबर को पता चल पायेगा | आर्यन को जमानत मिल पाता है या नहीं , कहना अभी बहुत मुश्किल है |
हर माता - पिता को अपने बच्चे के साथ होने वाले कष्ट से जूझना पड़ता है और यह सिर्फ बच्चा नहीं उनके माता - पिता भी उस कष्ट को भोगते है | ऐसे में हर माता - पिता का यह फर्ज बनता है कि - अपने बच्चों को अपनी निगरानी में रखे | तभी बच्चे गलत संगत और रास्ते पर नहीं बढ़ेंगे | हर बच्चा एक पतंग की तरह है , जितना ढील देंगे वह आसमान में बढ़ता हुआ हीं चला जाएगा | इसलिए डोर को एक जगह केन्द्रित रखना निहायत जरुरी है , तभी बच्चे अपने आस पास टिके रहेंगे और इनकी गतिविधि आपकी नज़रों के सामने केन्द्रित रहेगी | ....... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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