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"अखिल भारतीय बेरोजगार मजदूर किसान संघर्ष समिति" के राष्ट्रीय अध्यक्ष व कोटा के कांग्रेस सेवा दल के पूर्व जिलाध्यक्ष मनोज दुबे ने पेट्रोल , डीजल को भी GST के दायरे में लाने की मांग करते हुए कहा कि - सभी जरुरी चीजों को GST के दायरे में लाया गया , तो फिर पेट्रोल , डीजल को GST के दायरे से बाहर क्यूँ किया गया ?
लोगों की बेचारगी व बढ़ती हुए महंगाई की मार से त्रस्त इंसान की लाचारी पर मनोज दुबे ने कहा कि - मोदी सरकार में सिर्फ महंगाई का विकास हुआ है | पेट्रोल , डीजल के आसमान छुते भाव , इस लूटजीवी सरकार के असली चहरे को बेनकाब करती है | मोदी सरकार द्वारा पेट्रोल , डीजल के माध्यम से जनलूट का कार्यक्रम हो रहा है | आज कई राज्य में पेट्रोल प्रति लीटर 100 पार कर चूका है | इसके लिए सिर्फ केंद्र सरकार द्वारा बढ़ाया गया टैक्स जिम्मेदार है |
एक तरफ बेकारी / बेरोजगारी रिकॉर्ड तोड़ रही है , तो वहीं दूसरी तरफ महंगाई आसमान छू रही है | व्यापार , कारोबार , दुकानदारी , कारीगरी , मजदूरी सब ठप है | आर्थिक मंदी व कोरोना महामारी के दौर में , आखिर ! मोदी सरकार देश की आमजनता से , पेट्रोल , डीजल , गैस के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी कर , खुली लूट क्यूँ कर रही है ?
मनोज दुबे ने आगे कहा - जब कांग्रेस की सरकार थी , तब पेट्रोल , डीजल पर 1 पैसे की बढ़ोतरी होती थी , तो भाजपा के नेता सड़को पर उतरकर नौटंकी करते हुए महंगाई का रोना रोते थे | लेकिन आज वहीं भाजपा नेता पेट्रोल , डीजल , गैस के दामों में बेतहाशा वृद्धि पर मौन होकर , आम जनता की परेशानियों का तमाशा देख रहे हैं | भाजपा सरकार के द्वारा पेट्रोल , डीजल व गैस के दाम , कम करना तो दूर की बात , उल्टे भाजपा के नेता बेशर्मी भरे ब्यान दे रहे हैं , कह रहे है कि - जिन्हें महंगाई राष्ट्रीय आपदा लग रही है , वह खाना - पीना छोड़ दे | पेट्रोल , डीजल का उपयोग बंद कर दें | महंगाई के मुद्दे पर , भाजपा नेताओं के द्वारा ऐसे बेतुके और शर्मनाक ब्यान , बेशर्मी की परिकाष्ठा है |
जनता महंगाई और महामारी की दोहरी मार से कराह रही है | मगर मंत्री पद की मलाई मार रहे भाजपा नेता , बेशर्मी से आमजनता के जख्मों पर , नमक छिड़कने वाले ब्यान दे रहे हैं , जो घोर निंदनीय व दुर्भाग्यपूर्ण है |
एक समाज सेवक होने के नाते मनोज दुबे ने बढ़ती हुई महंगाई / बेरोजगारी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए , पेट्रोलऔर डीजल को GST के दायरे से अलग रखने पर केंद्र सरकार की कड़ी निंदा की है | अगर इस बात पर पैनी दृष्टि डाली जाए तो , जनता की सोंच से यह बात अलग नहीं की , इस देश में आमजनता की हालत खस्ता है | ऐसे में सबका साथ , सबका विकास पर , आये दिन एक प्रश्नचिन्ह लग रहा है ?
पाकिस्तान में भारत से करीब 25 रुपये सस्ता पेट्रोल के दाम है | सरकार को कम से कम , इस लॉकडाउन की ऐसी भयावह स्थिति में जहाँ आदमी बेरोजगार है , फैक्ट्री बंद , सिर्फ सरकारी सर्विस वालो को सुविधा मिल रही है | परन्तु आमजनता के लिए भयावह स्थिति में , पेट्रोल , डीजल को GST के दायरे में हीं लेनी चाहिए थी | मगर केंद्र ऐसा नहीं करेगी , क्यूंकि 1 लीटर पेट्रोल पर राज्य सरकार लगभग 20 रुपया टैक्स लेती है , तो वहीं केंद्र सरकार 33 रुपये वसूलती है | अगर पेट्रोल , डीजल GST के दायरे में लायेगी , तो उपभोक्ता को तो फायदा होगा , मगर सरकार का सीधा नुकसान हो जाएगा | यह बात भारत की जनता से छुपी नहीं , जो अपभोक्ता है | ........ ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश दुबे )
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