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यूं तो हर मौसमी फल सेहत के लिए किसी न किसी रूप में गुणकारी एवं सेहत को चुस्त-दुरुस्त एवं फुर्तीला रखने में सहायक है | फलों का अपना-अपना मौसम है , इंसान को चाहिए हर मौसमी फलों का कहीं न कहीं , किसी न किसी रूप में सेवन करे | क्योंकि हर फल विटामिन से भरपूर होता है , जो आपके सेहत को चुस्त-दुरुस्त व स्वस्थ रखने में आपकी सहायता करता है |
फलों में एक नाम आता है अंगूर का , जी हां वहीं अंगूर रसभरी दानों से सम्मिलित गुच्छा , जो देखने में भी उतना ही खूबसूरत लगता है जितना कि खाने व रस पीने से | चेहरे की चमक और आंखों के नीचे गहरा दाग को मिटाने / दूर करने में सहायक है | अंगूर की खासियत व उपयोगिता को देखते हुए कई गीतकारों ने अंगूर पर गीत भी लिख डाले हैं जो काफी चर्चित व हीट रहा है |
अंगूर का उत्पादन करीबन 6000 साल पूर्व यूरोप में हुआ था | फ्रांसीसीओं के साथ इसकी लता अमेरिका में प्रचलित होकर लोकप्रिय हुआ , बाद में इसका उपयोग शराब ( वाइन ) बनाने में भी किया जाने लगा | इसलिए वाइन को लोगों ने अंगूर की बेटी का नाम रख दिया है | अंगूर का हर दाना बलवर्धक एवं आपके रूप / निखार में बहुत ही सहायक है |
अंगूर का हीं दूसरा रूप किशमिश और मुनक्का भी है , जिसे लोगों ने मेवा ड्राई फूड का नाम दे रखा है और इसकी खासियत जानते हुए इसका इस्तेमाल करते हैं | बहुत से ऐसे व्यंजन बनाए जाते हैं , जिसमें किसमिस का इस्तेमाल किया जाता है | यह आपके व्यंजन को और भी ज्यादा स्वादिष्ट और टेस्टी बनाता है जिससे शरीर की मजबूती बनी रहती है | निर्बल - सबल , स्वस्थ - अस्वस्थ , बच्चे , बूढ़े , जवान सभी के लिए यह रामबाण है | यह पाचन शक्ति ठीक करके आंखों , बालों व त्वचा में चमक प्रदान करता है | अंगूर में पाया जाने वाला सिट्रिक एसिड चेहरे की कालिमा का दुश्मन है | आंखों के नीचे काले दाग - धब्बे का जड़ से खात्मा करते हुए सौन्दर्य प्रदान करता है | त्वचा पर इसके मसाज का क्या कहना ? इसके मसाज से त्वचा पर इतना असर पड़ता है कि आपके चेहरे को देखकर हीं लोगों को नशा उतारे ना उतरेगा |
अगर आप सप्ताह में अंगूर के रस में थोड़ी सी शहद मिलाकर मसाज करे और फिर गुनगुने पानी से धोकर अपनी उंगली के द्वारा त्वचा को सुखा दें , तो दो - तीन माह लगातार करने से आपको खुद व खुद यह अपने फायदे नजर आने का एहसास दिला देगा | यह मनभावक रसभरी , हरी व काली अंगूर के दाने , सुगंधित लता में फलने वाला छोटे-छोटे दानों सहित गुच्छों में सम्मिलित मनमोहक फल है | इसकी 5 जातियां हैं - तीन हरे और दो काले , जिसमें किसी का आकार एकदम गोल होता है तो किसी का लंबा |
अंगूर में भस्म , अम्ल , शर्करा गौंद , ग्लूकोज , द्रव्य साइट्रिक रैसेमिक , मौलिक एसिड , सोडियम , पोटेशियम , क्लोराइड और मैग्नीशियम आदि होता है | गर्भवती या दूध पिलाने वाली महिला के लिए तो खासकर बहुत ही उपयोगी एवं लाभप्रद है | अंगूर के दानों के रंगों की तुलना गर की जाए , तो काले रंग वाले अंगूर में ओरोस्टिलवेन की मात्रा अधिक होता है , जिसमें खून का संचार बदलता है | एनीमिया में तो यह बहुत ही जल्द फायदा पहुंचाता है| ऐसे रोगियों को कम से कम आधे कप अंगूर का रस प्रतिदिन पीनी चाहिए | चेचक , जुकाम , पेट की गर्मी , एनीमिया , हार्ट अटैक , रक्तस्राव , हार्ट डिजीज , नर्व डिजीज , अल्जाइमर व वाइरल फ्लैग इंफेक्शन में इसके रस भरे दाने लड़ने की क्षमता प्रदान करता है और शरीर की शक्ति को बरकरार रखने में सहायक सिद्ध होता हैं | इसके दाने खूबियों से भरे हुए है | अंगूर में पॉलि - फेनॉलिक फाइटो केमिकल कंपाउंड पाए जाते हैं , ये एंटीऑक्सीडेंट्स , शरीर को न केवल कैंसर से बल्कि कैरोनरी हार्ट डिजीज जैसे उपरोक्त रोग नाम एवं अन्य कई रोग से लड़ने , उसे रोकने की गति प्रदान कर राहत पहुंचाता है |
अंगूर में मिलने वाले भरपूर तत्व हमारे पूरे शरीर के लिए रामबाण हैं | सीमित मात्रा में कैलोरी , प्रोटीन , कार्बोहाइड्रेट , फैट , सोडियम , फाइबर विटामिन- ए सी ई व के , कैल्शियम , कॉपर , मैग्नीशियम , मैग्रिज , जिंक और आयरन भी मौजूद है | ध्यान रखने की बात है कि - शरीर के किसी भी भाग में रक्तस्राव होने पर गर एक ग्लास ज्यूस में दो चम्मच शहद घोलकर पिलाई जाए , तो रक्त की कमी को पूरा किया जा सकता है | इससे किसी के भी शरीर का रक्त क्षति पूर्ण होने में बहुत जल्द मदद मिलेगा | इसका गुदा , गुलकोज व सर्करा युक्त होता है , विटामिन ए पर्याप्त मात्रा में मौजूद है |
आज बहुत से लोग हार्ट अटैक की चपेट में आ रहे हैं , ऐसे में लोगों को चाहिए कि वह प्रतिदिन काले अंगूर का रस सेवन करें | काले अंगूर में फलोवोनाईडस नामक तत्व होता है , इसलिए वह आपके हृदय में खून के थक्के नहीं बनने देता | लोग एसप्रिन की गोली इस्तेमाल करते हैं , क्योंकि एक घूंट पानी और गोली आपके समय को बचाती जरूर है | लेकिन लोग ध्यान नहीं देते इस बात पर की - दवा तो दवा हीं है | वह किसी भी रोग को जड़ से समाप्त नहीं करता , बल्कि वह रोग को कुछ देर के / कुछ दिन के लिए जरुर दबा देता है और पुनः कुछ दिन / महीने / साल के बाद एक और भयावह रोग को लेकर आपके सामने मौजूद होता है जिससे फिर आपके पास कोई चारा नहीं रहता | फिर दवा , दवा और दवा , आदमी इसी चक्कर में पड़ा रहता है | एसप्रिन की गोली खाने वाले कृपया काले अंगूर के रस का सेवन जरूर करें , वे अपने शरीर को रोगमुक्त करने में कदम बढ़ा सकते हैं , क्यूंकि काले अंगूर का रस एसप्रिन की गोली से ज्यादा कारगर है |
एनीमिया में अंगूर से बढ़कर कोई दवा नहीं है | जी मचलने पर या उल्टी आने की स्थिति में अंगूर पर थोड़ा नमक और काली मिर्च डालकर सेवन करना चाहिए | वहीं पेट की गर्मी शांत करने के लिए 20-22 या फिर उम्र के आंकड़े को देखते हुए इसके दाने , पानी में भिगोकर , सुबह मसलकर निचोरे एवं रस में थोड़ी शक्कर डालकर अच्छी तरह मिला लें , फिर सेवन करें | जिन्हें शरीर में खून की कमी हो या पेट फूलने , बदहजमी जैसी शिकायत हो , तो ऐसे में भोजन के आधे - पौने घंटे के बाद अंगूर के रस पीने से कुछ ही दिनों में फायदा नजर आने की शुरुआत देखी जा सकती है | अस्थमा के रोगियों के लिए रामबाण है अंगूर | जिन्हें अस्थमा की शिकायत हो , वह प्रति 30 40 दिन इसके सेवन के बाद राहत महसूस कर सकते हैं |दिल के रोगियों के लिए भी फायदेमंद है अंगूर | वहीं कब्ज के रोगियों एवं ब्रेस्ट कैंसर से भी यह बचाव करता है | खासकर महिलाओं के लिए इसका सेवन बहुत आवश्यक है , इसलिए कि यह कोलस्ट्रोल को संतुलित रखता है | वही कैंसर में पहले 3 दिन अंगूर का रस सेवन करें , फिर धीरे-धीरे एक ग्लास तक पीने की आदत डाले | मुनक्का में अंगूर का ही दूसरा रूप है , टाइफाइड बुखार में इसके सेवन से बहुत फायदा होता है |
यह कहना अतिशयोक्ति न होगा कि - अधिकांश रोग तो पेट की गड़बड़ी से ही शुरू होती है | इसलिए यह चमत्कारी अंगूर के दाने अगर रोजाना खाली पेट खाया जाए , तो सभी बीमारियों से राहत पाई जा सकती है , क्योंकि इसके सेवन से मल जमा नहीं होती और व्यक्ति सदा स्वस्थ बना रहता है | जिन लोगों को चेचक होता है और फिर दाग जल्द नहीं मिटते , उन्हें चेचक के वक्त अंगूर देनी चाहिए , इससे उन्हें राहत भी मिलेगी और इसकी शक्ति दाग को गहराने से रोकने में सहायक सिद्ध होगा |
सर के आधे दर्द जिन्हें कई लोग "अधकपारी दर्द" के नाम से भी जानते हैं , जो सूर्योदय के साथ शुरू होता है और सूर्यास्त के बाद समाप्त और यह कई दिन , कई माह भी रह जाता है और लोग परेशान हो इधर - उधर की दवा में उलझ जाते हैं | कभी उन्हें फायदा मिल जाता है तो कभी वह उसी चपेट में पुनः आ जाते हैं , ऐसे में उन्हें चाहिए सूर्योदय से पहले आधी कप अंगूर का रस पी ले , तो सर दर्द ठीक रहेगा |
हृदय में अगर दर्द हो और वह कम न हो रहा हो , तो अंगूर का आधा कप रस पीने से आराम मिलता है | अंगूर का सेवन कभी भी , किसी भी वक्त किया जा सकता है | लेकिन इतना ध्यान रहे कि - रस पीने से पहले , स्वच्छ किया गया पानी का 25% भाग अंगूर की रस में जरूर मिला ले , फिर सेवन करें तो ज्यादा फायदा होगा | एक बात ध्यान देने की है कि - इसके प्रत्येक दाने को खूब अच्छी तरह धोकर स्वच्छ बना ले , क्योंकि इसकी खेती के वक्त कीटनाशक पदार्थ का छिड़काव होता है , जो कीड़े लगने से इस के पौधे को बचाव करते हैं |
आज से ही अंगूर खरीदकर अपने घर परिवार की बीमारियों से छुटकारा निजात पाकर , स्वस्थ रहने के प्रति सचेत रहें , एवं स्वच्छ समाज , विकासशील देश बनाने में कदम बढ़ाकर , देश की शान बन मुस्कुराए , मुस्कुराते रहें | स्वस्थ समाज , स्वच्छ भारत बनाने के प्रति दो कदम आप बढ़ाइए , हम बढ़ाएं , हम लोग बढ़ाएं |
बहुत सारे जगहों पर सर्वेक्षण कर यह पता चला कि - लोग फल नहीं , सिर्फ अन्न पर निर्भर है | वैसे लोग फल खाना फिजूल खर्च समझते हैं , खासकर गांव - कस्बों में लोग की ऐसी ही नियति है | जहां फलों की नगन्यता पाई गई | ऐसे हीं लोग बहुत सारे रोग के शिकार होकर डॉक्टर के पास अपनी राशि बर्बाद करते हैं | स्वच्छ बनना है , तो अन्न की मात्रा कम कर , उसी राशि से फल को खाना शुरू करें और स्वस्थ रहें | ..... ( स्वास्थ्य / सौन्दर्य फीचर :- किरण जोशन )
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